हिंदुओं संभल जाओ वरना संभल जैसे हालात हो जाएँगे।

हिंदुओं संभल जाओ वरना संभल जैसे हालात हो जाएँगे।

जागरूकता के सभी दावे, सुरक्षा के सभी आश्वासन और बड़े संगठनों के तमाम विस्तार के बावजूद मु^^^मानों को जो करना होता है वे कर लेते है।
थोड़ा निरपेक्ष होकर देखिए, वे अपना काम चुपचाप कर रहे हैं।
अति राजनीतिक चर्चा को हिन्दू जागरण समझने की भूल

अति राजनीतिक चर्चा को हिन्दू जागरण समझने की भूल

सोशल मीडिया के आगमन के साथ राजनीतिक जागरूकता और जानकारी में अभूतपूर्व वृद्धि हुई। लोग हर घटना पर अपने विचार व्यक्त करने लगे। इसके परिणामस्वरूप राजनीति पर चर्चा करने और स्वयं को राजनीतिक विशेषज्ञ समझने की प्रवृत्ति बढ़ी।